कर्नल सोफिया कुरैशी, भारतीय सेना की वो बहादुर महिला अधिकारी हैं जिन्होंने न सिर्फ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन किया, बल्कि देश की सुरक्षा और गौरव के लिए महत्वपूर्ण अभियानों का नेतृत्व भी किया। उनकी उपलब्धियां नारी शक्ति का जीवंत उदाहरण हैं।

कर्नल सोफिया कुरैशी का संक्षिप्त परिचय
विवरण | जानकारी |
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पूरा नाम | कर्नल सोफिया कुरैशी |
जन्म वर्ष | 1981 |
जन्म स्थान | वडोदरा, गुजरात, भारत |
उम्र | लगभग 44 वर्ष (2025 तक) |
शिक्षा | बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन |
सैन्य सेवा आरंभ | 1999 – ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई से |
शाखा | भारतीय सेना – कोर ऑफ़ सिग्नल्स |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित – पति मेकनाइज़्ड इन्फैंट्री में अधिकारी |
प्रमुख अभियान | ऑपरेशन सिंदूर, संयुक्त राष्ट्र मिशन (कांगो) |
नेट वर्थ (अनुमानित) | ₹30–₹50 लाख (अप्रमाणित अनुमान) |
प्रेरणादायक शुरुआत और सैन्य सेवा
गुजरात के वडोदरा में जन्मी सोफिया कुरैशी ने बचपन से ही अनुशासन और सेवा की भावना को अपनाया। परिवार की सैन्य पृष्ठभूमि (दादा भारतीय सेना में थे) ने उन्हें प्रेरणा दी। उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और फिर 1999 में OTA चेन्नई से ट्रेनिंग लेकर सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में प्रवेश किया।
सैन्य करियर की शुरुआत में ही उन्होंने पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियानों में उल्लेखनीय योगदान दिया। बाद में 2006 में वह कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक बनीं और 2010 में शांति स्थापना अभियानों का हिस्सा रहीं।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता: ‘एक्सरसाइज़ फोर्स 18’ में नेतृत्व
2016 में, जब वह लेफ्टिनेंट कर्नल थीं, उन्होंने इतिहास रच दिया। उन्होंने ‘एक्सरसाइज़ फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह अभ्यास पुणे में हुआ था जिसमें अमेरिका, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ASEAN देशों सहित 18 देशों ने भाग लिया। वे इस अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी बनीं।
उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक कौशल की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहना हुई।

ऑपरेशन सिंदूर: वीरता की नई मिसाल
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली की जान जाने के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया। इस ऑपरेशन के तहत रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
इस अहम सैन्य कार्रवाई की जानकारी एक उच्चस्तरीय प्रेस ब्रिफिंग में दी गई जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं। दोनों महिला अधिकारियों की मौजूदगी ने देशभर में महिलाओं की भूमिका को लेकर गर्व की भावना पैदा की।
वेतन और भत्ते: जानें कितनी है इनकी इनकम
भारतीय सेना में कर्नल रैंक पर कार्यरत सोफिया कुरैशी की बेसिक सैलरी ₹1,21,200 से ₹2,12,400 के बीच होती है। इसके अलावा उन्हें अनेक प्रकार के भत्ते भी प्राप्त होते हैं:
- मिलिट्री सर्विस पे: ₹15,500 प्रतिमाह
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA): लोकेशन पर आधारित
- फील्ड एरिया अलाउंस: ₹10,500 से ₹25,000
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस: ₹3,600 से ₹7,200
- स्पेशल फोर्स अलाउंस: ₹25,000 (विशेष परिस्थितियों में)
- यूनिफॉर्म अलाउंस: ₹20,000 प्रति वर्ष
इन सबके आधार पर उनकी अनुमानित कुल संपत्ति ₹30 से ₹50 लाख के बीच मानी जाती है, हालांकि यह आंकड़ा आधिकारिक रूप से प्रमाणित नहीं है।
निजी जीवन और प्रभाव
सोफिया कुरैशी एक मिलिट्री पावर कपल का हिस्सा हैं। उनके पति भी भारतीय सेना में मेकनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं। दोनों एक-दूसरे का समर्थन करते हुए देश सेवा में समर्पित हैं।
वह एक सशक्त महिला नेता के रूप में युवतियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि यदि लगन और साहस हो तो कोई भी क्षेत्र महिलाओं के लिए असंभव नहीं है।
एक मिसाल बन चुकी हैं कर्नल सोफिया
कर्नल सोफिया कुरैशी की यात्रा केवल एक सैन्य अधिकारी की नहीं है, बल्कि यह भारत की बदलती सोच, महिला सशक्तिकरण और नारी शक्ति की एक प्रतीकात्मक गाथा है। उन्होंने हर चुनौती को अवसर में बदला और यह साबित किया कि समर्पण और नेतृत्व क्षमता किसी भी लिंग की मोहताज नहीं होती।
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