विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक बहादुर और कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं, जिन्होंने 7 मई 2025 को हुए ऑपरेशन सिंदूर में अग्रणी भूमिका निभाकर देश का नाम रोशन किया। 2,500 से अधिक उड़ान घंटों और कई हाई-एल्टीट्यूड मिशनों का अनुभव रखने वाली व्योमिका सिंह भारतीय सेना में महिलाओं के बढ़ते योगदान की प्रतीक बन चुकी हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
व्योमिका सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उनके पिता का नाम आर.एस. निम और माता का नाम करुणा सिंह है। उनका नाम ‘व्योमिका’, जिसका अर्थ होता है “आकाश की स्वामिनी”, उनके जीवन की दिशा को दर्शाता है।
व्योमिका ने छठी कक्षा से ही वायुसेना में जाने का सपना देखना शुरू कर दिया था। शुरुआत में उन्होंने यह बात अपनी मां से छुपाकर रखी क्योंकि उन्हें डर था कि मां अनुमति नहीं देंगी। बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और नेशनल कैडेट कोर (NCC) के माध्यम से सैन्य अनुशासन को अपनाया। इसके बाद वह हैदराबाद स्थित एयर फोर्स अकादमी, डुंडीगल से प्रशिक्षण लेकर भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनीं।
भारतीय वायुसेना में करियर की शुरुआत
व्योमिका सिंह को 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन मिला। उन्होंने चेतक, चीता जैसे हेलीकॉप्टरों को उड़ाया है और 18,000 फीट तक की ऊँचाई पर भी सफल उड़ानें भरी हैं।
वर्ष 2017 में उन्हें विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया और 2019 में उन्हें स्थायी कमीशन (Permanent Commission) प्राप्त हुआ।
बड़े सैन्य अभियानों में सक्रिय भागीदारी
● अरुणाचल प्रदेश बचाव मिशन (2020)
नवंबर 2020 में, व्योमिका सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में एक जटिल बचाव अभियान की अगुवाई की। खराब मौसम और उच्च ऊँचाई वाले इलाके में यह मिशन सटीक नेतृत्व और साहस की मिसाल था।
● माउंट मणिरंग पर्वतारोहण (2021)
वह 21,650 फीट ऊँचे माउंट मणिरंग पर आयोजित तीनों सेनाओं के महिला अधिकारियों के पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा रहीं, जो उनके फिजिकल एंड्योरेंस और टीमवर्क की मिसाल है।

ऑपरेशन सिंदूर (2025): व्योमिका सिंह की भूमिका
6 मई 2025 की रात, जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी, तब भारत ने जवाबी कार्रवाई के रूप में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। 7 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और POK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया।
इस ऑपरेशन की आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मंच साझा किया — जो भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
इस कार्रवाई को गैर-उत्तेजक और सटीक बदले की कार्यवाही के रूप में देखा गया, जिसका उद्देश्य एक बड़े युद्ध को टालते हुए आतंकियों के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करना था।
सम्मान और प्रशंसा
विंग कमांडर व्योमिका सिंह को उनकी पेशेवर दक्षता, उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और वीरता के लिए भारतीय वायुसेना प्रमुख एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई बार सराहना मिल चुकी है।
उनका कार्य महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल की तरह है जो सशस्त्र बलों में करियर बनाना चाहती हैं।
पारिवारिक जीवन
व्योमिका सिंह का विवाह भारतीय वायुसेना के ही एक अधिकारी ग्रुप कैप्टन दिनेश सभरवाल से हुआ है, जो हरियाणा के भिवानी जिले के बापोंड़ा गाँव से हैं। दोनों पति-पत्नी भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं।
एक प्रेरणादायक यात्रा
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का सफर – एक छोटे शहर की लड़की से लेकर भारतीय वायुसेना की शीर्ष अधिकारी तक – दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और देशभक्ति का प्रतीक है। उनका जीवन युवा महिलाओं को यह सिखाता है कि अगर सपने बड़े हों और इरादे मजबूत, तो कोई भी ऊँचाई असंभव नहीं है।
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